SCO में हिस्सा लेने के लिए चीन रवाना हुए पीएम मोदी, 43 दिन में राष्ट्रपति जिनपिंग से दूसरी बार मिलेंगे
<strong>नई दिल्लीः</strong> आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिन की चीन यात्रा के लिए रवाना हुए. पीएम मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. दोनों नेताओं के बीच करीब एक महीने पहले वुहान में अनौपचारिक बैठक हुई थी. भारत-चीन के रिश्तों को सुधारने के लिए दोनों देश के नेता एकबार फिर मिलेंगे. आठ जून से चीन में शुरू हो रहे दो दिवसीय एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के पूर्ण सदस्य के तौर पर समूह की पहली बैठक में वह भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर काफी रोमांचित हैं. <strong>शनिवार को मिलेंगे पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग</strong> प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे. मोदी और पुतिन के बीच पिछले महीने सोच्चि में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी. एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. सम्मेलन में पीएम मोदी पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने का मुद्द उठा सकते हैं. पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. <strong>एससीओ के साथ के रिश्तों की नई शुरुआत- पीएम</strong> पीएम मोदी ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘ एक पूर्ण सदस्य के तौर पर परिषद् की हमारी पहली बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर रोमांचित हूं। ’’ पीएम ने ट्वीट किया , ‘‘नौ और 10 जून को एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मैं चीन के चिंगदाओ में रहूंगा. एक पूर्ण सदस्य के तौर पर भारत के लिए यह पहला एससीओ शिखर सम्मेलन होगा. एससीओ देशों के नेताओं के साथ बातचीत होगी और उनके साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद गत एक वर्ष में इन क्षेत्रों में संगठन और उसके सदस्यों के साथ हमारा संवाद खासा बढ़ा है. मेरा मानना है कि चिंगदाओ शिखर सम्मेलन एससीओ एजेंडा को और समृद्ध करेगा और एससीओ के साथ भारत के सम्पर्क की एक नयी शुरूआत होगी.’’ <strong>किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा?</strong> शिखर सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं होंगी जिनमें आतंकवाद से मुकाबला, अलगाववाद और अतिवाद से लेकर सम्पर्क में सहयोग को बढ़ावा देना ,वाणिज्य , सीमा शुल्क, विधि, स्वास्थ्य और कृषि, पर्यावरण संरक्षण, आपदा जोखिम कम करना और लोगों के बीच संबंध को मजबूती देना शामिल होगा. <strong>पूर्ण सदस्यता के बाद पहली बार भारत होगा समिट का हिस्सा</strong> साल 2001 में स्थापित एससीओ में वर्तमान में आठ सदस्य हैं जिनमें भारत , कजाखिस्तान , चीन , किर्गिस्तान , पाकिस्तान , रूस , ताजिकिस्तान , उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान को बीते साल एससीओ में शामिल किया गया. शिखर सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में से एक ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की उपस्थिति होगी. चीन ने उन्हें फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. रूहानी की उपस्थिति का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से अपने हाथ वापस खींच लिए हैं. चीन ने इस परमाणु समझौते की रक्षा का संकल्प लिया हुआ है.
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