यूपी: अखिलेश सरकार के मुकाबले योगी राज में बढ़ा महिलाओं के प्रति अपराध, देखिए आंकड़े
<strong>नई दिल्ली</strong>: उन्नाव में तीन लड़को द्वारा एक महिला से जबरदस्ती करने और अगवा करने का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. योगी सरकार दावा कर रही है कि उसके राज में यूपी में अपराध कम हुए हैं लेकिन हकीकत क्या है. हम आपको अखिलेश सरकार के आखिरी नौ महीने और योगी सरकार के शुरुआती नौ महीने के आंकड़े दिखाते हैं, जो खुद सरकार ने विधानसभा के पटल पर रखा है. <a href="https://abpnews.abplive.in/uttar-pradesh/women-molested-by-youth-in-unaao-video-goes-viral-905868">उन्नाव में रेप की कोशिश: वो गिड़गिड़ाती रही और दरिंदे जबरदस्ती करते रहे, वायरल हुआ वीडियो</a> आंकड़ों में बलात्कार, छेड़खानी, उत्पीड़न और हत्या के बारे में जिक्र किया गया है. <a href="https://static.abplive.in/wp-content/uploads/sites/2/2018/07/06114916/numbers.jpg"><img class="alignnone wp-image-906094 size-full" src="https://ift.tt/2Kzu7yp" alt="" width="587" height="394" /></a> <strong>यूपी में महिला सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती</strong> साल 2014 में यूपी में करीब 3,467 रेप की घटनाएं हुईं. अगले ही साल 2015 रेप की वारदात में 161% की बढ़ोत्तरी हुई और 9075 रेप के मामले दर्ज हुए. साल 2016 में 15 मार्च से 18 अगस्त के बीच महज छह महीनों में 1012 रेप के मामले दर्ज हुए. इस दौरान छेड़छाड़ के भी रिकॉर्ड 4520 मामले सामने आए. <a href="https://abpnews.abplive.in/uttar-pradesh/knapur-weired-case-of-animalism-steel-glaas-inserted-in-old-man-private-part-905908">प्राइवेट पार्ट से पेट में पहुंच गया स्टील के ग्लास, बदमाशों ने लूटपाट कर बुजुर्ग के साथ की थी हैवानियत</a> उत्तरप्रदेश में योगी राज आने के बाद ये दावा किया गया था कि प्रदेश की कानून व्यवस्था उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है. कहा गया था कि अब बेटियां सुरक्षित होंगी. सरकार ने एंटी रोमियो स्कवॉयड तक बनाया था लेकिन उन्नाव जैसी घटना सामने आने के बाद इस पर ए सवालिया निशान लग गया है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने एंटी रोमियो स्कॉवॉय़ड बनाया है जो मनचलों को सबक सिखाने का काम करता है.शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाके और मॉल्स के बाहर मजनुओं पर नजर रखता है.बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनावी सभाओं में इसकी चर्चा करते रहे हैं.
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