Tuesday 24 July 2018

अलवर लिंचिंग पोस्टमार्टम रिपोर्ट: 12 चोट के निशान और टूटी हड्डी-पसली से साफ, पिटाई से हुई रकबर की मौत

<p style="text-align: justify;"><strong>अलवर:</strong> राजस्थान के अलवर में गाय के नाम पर हुई भीड़ की ताज़ा हिंसा के बाद ये सवाल बना हुआ है कि रकबर को किसने मारा? इसी बीच रकबर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है जिसमें उसकी मौत पिटाई से होने की बात सामने आई है. उसके शरीर पर चोट के 12 निशान मिले हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एक हाथ और एक पैर की पसलियां टूटी होने की बात सामने आई है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>भीड़ का ताज़ा शिकार बना रकबर</strong> आपको बता दें कि भीड़ आधारित हिंसा देश में एक बड़े अपराध का रूप ले चुकी है. अभी हाल ही में राजस्थान के अलवर जिले में 21 जुलाई को गाय तस्करी के संदेह में भीड़ ने रकबर की पीट पीटकर हत्या कर दी थी. आपको बता दें कि 2012 से 2018 तक देश में गाय के नाम पर भीड़ ने 87 घटनाओं को अंजाम दिया है. ऐसी हिंसा के 289 पीड़ितों में से 34 को अपनी जान गंवानी पड़ी है. पहला शक तो यही है कि रकबर गाय के नाम पर हिंसा का शिकार बना लेकिन सवाल बना हुआ है उसे किसने पीटा जिससे 7 बच्चों के इस पिता की जान चली गई.</p> <p style="text-align: justify;">गोरक्षा के नाम पर देश की हिंसा को लेकर आज संसद में हंगामा हो सकता है. कांग्रेस के चार सांसदों ने 'गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं को रोकने में सरकार की नाकामी और कुछ मंत्रियों के गैरजिम्मेदाराना बयान' के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव दिया है. मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दीपेंदर हुड्डा ने नोटिस दिए हैं. विरोध जताने के लिए तृणमूल कांग्रेस भी संसद परिसर के बाहर प्रदर्शन करने वाली है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लगाई है फटकार</strong> आपको ये भी बता दें कि देश का सबसे बड़ा कोर्ट सुप्रीम कोर्ट भी इसपर सरकार को फटकार लगा चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को केन्द्र से कहा था कि पीट पीटकर हत्या की घटनाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संसद में नए <strong><a href="https://abpnews.abplive.in/india-news/live-updates-on-supreme-court-verdict-over-mob-lynching-cow-vigilante-915088">कानून</a></strong> बनाने पर विचार करे. इस टिप्पणी से जुड़ी पीठ ने कहा था कि ‘भीड़तंत्र की इन विभत्स गतिविधियों को नई पंरपरा नहीं बनने दिया जा सकता.’</p> <p style="text-align: justify;"><strong>देखें वीडियो</strong></p> <code><iframe class="vidfyVideo" style="border: 0px;" src="https://ift.tt/2OfKK06" width="631" height="381" scrolling="no"></iframe></code>

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