देशभर में कल मनाई जाएगी ईद-उल-फितर, जानें इसके मायने
<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> देश में कल धूमधाम से ईद मनाई जाएगी. जामा मस्जिद की ‘मरकजी रुयते हिलाल कमेटी’की बैठक के बाद यह घोषणा की गई कि देश में गुरूवार को कहीं चांद नजर नहीं आया है और ऐसे में कल ईद मनाई जाएगी. इस बार के रमजान का आज आखिरी रोजा है. इस्लामी कैलेंडर के तहत रमजान का महीना पूरा होने पर ईद मनाई जाती है.</p> <p style="text-align: justify;">मान्यता है कि रमजान महीने की 27वीं रात को कुरान का नुजूल यानी अवतरण हुआ था. हिजरी कैलेण्डर के अनुसार ईद साल में दो बार आती है. एक ईद को ईद-उल-फितर और दूसरी को ईद-उल-जुहा कहा जाता है. कल ईद-उल-फितर मनाई जाएगी. ईद-उल-फितर को सिर्फ ईद या मीठी ईद भी कहते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नए कपड़े पहनकर मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं. वहां नमाज पढ़कर एक दूसरे के गले लगते हैं और ईद की बधाई देते हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ईद के मायने</strong></p> <p style="text-align: justify;">दुनियाभर के मुसलमानों के लिए ईद खुशी का सबसे बड़ा दिन माना जाता है. ये दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि पूरे रमज़ान में रोज़े रखने के बाद ये दिन मुसलमानों के लिए अल्लाह की तरफ से एक तोहफा है. 30 दिन के रोजे के बाद ईद-उर-फितर खुशियों का पैगाम लेकर आता है. ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि उन्होनें महीने भर रोजे रखने की शक्ति दी.</p> <p style="text-align: justify;">इस ईद को ईद-उल-फितर कहा जाता है. ईद के दिन सुबह पहले नमाज़ पढ़ी जाती है, जिसके बाद लोग आपस में एक दूसरे को इस दिन की मुबारकबाद देते हैं. इस दिन लोग अपने सभी गिल शिकवे भूलाकर आपस में गले मिलते हैं.</p>
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