गिलगित-बाल्टिस्तान पर भारत की पाक को दो टूक, कहा- ये हमारा अभिन्न अंग, बदलाव बर्दाश्त नहीं
<strong>नई दिल्ली</strong><strong>: </strong>गिलगित-बाल्टिस्तान के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं. भारत ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को समन भेजकर गिलगित-बाल्टिस्तान मामले में इस्लामाबाद के आदेश पर सख्त आपत्ति जताई है. गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा है. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारत में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को आज समन भेजकर पाकिस्तान सरकार के तथाकथित गिलगित बाल्टिस्तान आदेश 2018 का कड़ा विरोध किया गया है. <strong>गिलगित-बाल्टिस्तान समेत संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग</strong> मंत्रालय ने कहा, "साफ-साफ बता दिया गया है कि 1947 के परिग्रहण के आधार पर तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान समेत संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. बलपूर्वक और अवैध तरीके से कब्जा करने से पाकिस्तान के पास प्रदेश के किसी भी हिस्से का दर्जा बदलने के किसी भी कार्रवाई करने का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह पूर्णरूप से अस्वीकार्य है. अधिग्रहीत क्षेत्रों का दर्जा बदलने के बजाय पाकिस्तान को तुरंत सभी क्षेत्रों से अवैध कब्जा हटा लेना चाहिए." <strong>क्या है पूरा मामला?</strong> दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खाकन अब्बासी ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान के लिए एक सुधार पैकेज को लागू करने की घोषणा की, जिस पर काफी शोरशराबा मचा. स्थानीय विधानसभा में सदस्यों ने जोरदार तरीके से इसका विरोध किया. अब्बासी ने 31वें संविधान संशोधन का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान की संसद ने जनजातीय क्षेत्र और वहां की जनता को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रपति की शक्ति समाप्त करते हुए एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित किया है. <strong>नया कानून लागू कर सकते हैं पाक पीएम</strong> पाकिस्तान की तरफ से जारी अध्यादेश के मुताबिक, गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र के न्यायिक, संवैधानिक और प्रशासनिक अधिकार पाकिस्तानी पीएम के हाथ में दे दिए. इसका मतलब ये हुआ कि अब पाकिस्तानी पीएम शाहिद खाकान अब्बासी इस क्षेत्र में किसी भी कानून में बदलाव कर सकते हैं या नया कानून लागू कर सकते हैं. <strong>पाकिस्तान ने खारिज की भारत की आपत्ति</strong> ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान का ये कदम गिलगित बाल्टिस्तान को पाक के पांचवें प्रांत के रूप में घोषित करने की साजिश हो सकती है. भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि पीओके समेत पूरा जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा है. हालांकि पाकिस्तान ने भारत की आपत्ति को खारिज करते हुए जम्मू कश्मीर और पीओके को विवादित क्षेत्र बताया.
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