Saturday 19 September 2020

'शाम भी थी धुआं-धुआं हुस्‍न भी था उदास-उदास', आज पेश हैं उदासी पर अशआर

उर्दू शायरी (Urdu Shayari) में मुहब्‍बत (Love) की बात की गई है. इसमें दर्दे-जुदाई और इससे लबरेज़ जज्‍़बात (Emotion) को भी पूरी ख़ूबसूरती के साथ पेश किया गया है. इसी तरह मायूसी और उदासी की हालत को भी गहरे अल्‍फ़ाज़ में पिरोया गया है...

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