Saturday 25 July 2020

'दिन रात मयकदे में गुज़रती थी ज़िंदगी', पेश हैं 'मय' और 'मयख़ाने' पर अशआर

शायरी में हर जज्‍़बात (Emotion) को ख़ूबसूरती के साथ तवज्‍जो मिली है. यहां मय यानी शराब और मयकदे के विषय को भी बेहद खूबसूरत अल्‍फ़ाज़ (Words) में बांधा गया है...

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