समीक्षा-आशुतोष राणा की किताब का संदेश रामराज नहीं, रामराज्य की स्थापना है
राम को लेकर हर एक के पास कहने के लिए कुछ न कुछ है. फिर भी आशुतोष ने इस पर अलग तरीके से कुछ लिखने का साहस किया है. उन्होंने रामराज की जगह रामराज्य की कल्पना की. इस क्रम में उन्होंने कुछ नयी स्थापनाएं भी की है. पढ़िए उनकी पुस्तक की समीक्षा.
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