Friday 14 February 2020

एहसास के शायर बशीर बद्र : उनकी ख़ामोशियों में भी जैसे ग़ज़ल गुनगुनाती है

बशीर बद्र शायद पहले शायर हैं जिनका कलाम ख़ुद उनके कोर्स मे था. जब वह अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ने गए, तो एमए के कोर्स में वह पहले से पढ़ाए जा रहे थे. ऐसे में जब इम्‍तेहान का वक्‍़त आया तो उनके लिए ग़ज़ल की जगह कोई दूसरा पेपर बनाया गया था.

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