Monday 14 January 2019

#HumanStory: हां मैं हर रोज बदनाम गलियों में घूमती हूं…

मैं हर रोज उन गलियों में जाती हूं, जहां लोग मेरा भाव लगाते हैं. मुझसे कहते हैं, अरे, चलती है क्‍या? कितना पैसा लेगी? हम उससे ज्‍यादा पैसे दे देंगे....हमें भी अपना बना लो... हम में कांटे लगे हैं क्‍या? इस तरह के हाड़ कंंपा देने वाले शब्‍दों से रोज रूबरू होती हूं.

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