Friday 14 September 2018

माल्या विवाद: स्वामी ने मांगा जेटली का इस्तीफा, दिलाई नेहरु-मेनन घटनाक्रम की याद

<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर करारा हमला किया है. उन्होंने वित्त मंत्री के इस्तीफे वाली कांग्रेस की मांग का समर्थन किया है. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस के ही इतिहास का उल्लेख करते हुए बताया है कि कैसे एक इस्तीफा की वजह से देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की लोकप्रियता को धक्का लगा था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या था नेहरू मेनन मामला </strong>अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाने वाले स्वामी लिखते हैं कि 1962 में चीन से हुए युद्ध में भारत को मिली हार के बाद मेनन (तब के रक्षा मंत्री) के इस्तीफे की मांग उठी थी. नेहरू ने इसी मांग को खारिज करके अपनी चमक खो दी. उन्होंने आगे कहा कि तब नेहरू ने कांग्रेस की पार्लियामेंट्री पार्टी से कहा था, "अगर मेनन का इस्तीफा होगा तो मेरा भी इस्तीफा होगा." पार्लियामेंट्री पार्टी ने इसके जवाब में नेहरू से कहा कि ऐसे में वो भी इस्तीफा दे दें. स्वामी के मुताबिक पार्लियामेंट्री पार्टी के इस स्टैंड के बाद नेहरू ने कदम पीछे खींच लिए और मेनन को बाहर का रास्ता दिखा दिया.<code><code></code></code></p> <blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"> <p dir="ltr" lang="en">Nehru lost his shine when he refused popular demand for Menon’s sacking for the 1962 fiasco. Then he told the Congi Parliamentary Party that if “Menon is to go then I must go”. The CPP in chorus said:”Then you go”. Then Nehru chickened and sacked Menon.</p> — Subramanian Swamy (@Swamy39) <a href="https://twitter.com/Swamy39/status/1040432460671139840?ref_src=twsrc%5Etfw">September 14, 2018</a></blockquote> <p style="text-align: justify;"><strong>बीजेपी के मुताबिक इस्तीफे का सवाल ही नहीं</strong> स्वामी ने अपनी पार्टी के सबसे बड़े नेता और देश के पीएम नरेंद्र मोदी को इशारों-इशारों में ये कहने की कोशिश की है कि अगर वो जेटली का इस्तीफा नहीं लेते तो उनकी लोकप्रियता को धक्का लग सकता है. आपको बता दें कि विजय माल्या के गंभीर आरोपों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ये मांग की थी कि आरोपों की जांच होनी चाहिए और जांच चलने तक जेटली को इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके जवाब में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने कहा कि इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>संसद में माल्या से मिले जेटली</strong> डूब चुकी किंगफिशर एयरलाइन के मालिक विजय माल्या ने बुधवार को आरोप लगाया था कि देश छोड़ने से पहले उनकी मुलाकात वित्त मंत्री जेटली से हुई थी और इस मुलाकात के दौरान माल्या ने जेटली से लोन सेटलमेंट की बात कही थी. बैंकों का 9000 करोड़ रुपया लेकर लंदन भागे माल्या के इन आरोपों को जेटली ने नकार दिया था और कहा था कि दोनों की कोई मुलाकात नहीं हुई. वहीं, कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया का आरोप है कि उन्होंने अपनी आंखों से माल्या को जेटली के साथ संसद में लंबा वक्त बिताते देखा था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या होगा स्वामी की मांग का असर</strong> इस विवाद में अब तक दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर बिहार में विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव तक ने केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा किया है. विपक्ष तो सरकार के खिलाफ हमलावर होता ही है, लेकिन देखने वाली बात होगी कि सत्ता पक्ष के स्वामी जैसे नेता द्वारा जेटली के इस्तीफे की मांग का सरकार पर कैसा असर पड़ता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी देखें</strong></p> <div class="vtitle cell-big">मास्टर स्ट्रोक : फुल एपिसोड । जस्टिस रंजन गोगोई भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे</div> <code><iframe class="vidfyVideo" style="border: 0px;" src="https://ift.tt/2x9UBxC" width="631" height="381" scrolling="no"></iframe></code>

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