Monday 13 August 2018

नायपॉल के निधन से मैंने अपने प्यारे बड़े भाई को खो दिया: सलमान रुश्दी

<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> मशहूर लेखक सलमान रुश्दी ने प्रख्यात रचनाकार वी एस नायपॉल के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने प्यारे बड़े भाई को खो दिया है. वहीं, समकालीन लेखकों ने कहा कि नायपॉल उन महान लेखकों में से एक थे जिनकी कलम खुल कर बोलती थी.</p> <p style="text-align: justify;">नायपॉल के परिवार ने इस बात की घोषणा की कि लंदन में उनका 85 साल की उम्र में निधन हो गया. वहीं ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार सलमान रुश्दी ने ट्वीट कर कहा, "हम अपने जीवन के बारे में, राजनीति के बारे में और साहित्य के बारे में असहमत थे. मुझे दुख हो रहा है जैसे मैंने अभी अपने एक प्यारे बड़े भाई को खो दिया है. आपकी आत्मा को शांति मिले."</p> <p style="text-align: justify;">लेखक और कवि जीत थायिल ने नायपॉल को एक अलग अंदाज का व्यक्ति और शानदार लेखक बताते हुए कहा कि उनका निधन एक विरोधाभासी पिता को खोने जैसा है. जयपुर साहित्य महोत्सव के आयोजकों में से एक संजय के राय ने ट्वीट किया कि उनकी कमी हमेशा महसूस होगी.</p> <p style="text-align: justify;">नोबेल प्राइज ने भी ट्वीट कर लेखक को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, "साहित्य के क्षेत्र में 2001 में नोबेल पुरस्कार विजेता वी एस नायपॉल याद आ रहे हैं जिनके शब्दों ने हमें इस बेहतरीन इतिहासकार की मौजूदगी का अहसास कराया."</p> <code></code> <blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"> <p dir="ltr" lang="en">We disagreed all our lives, about politics, about literature, and I feel as sad as if I just lost a beloved older brother. RIP Vidia. <a href="https://twitter.com/hashtag/VSNaipaul?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#VSNaipaul</a></p> — Salman Rushdie (@SalmanRushdie) <a href="https://twitter.com/SalmanRushdie/status/1028464324145242117?ref_src=twsrc%5Etfw">August 12, 2018</a></blockquote> <p style="text-align: justify;">नायपॉल को साल 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था. उन्होंने साल 1971 में मैन बुकर पुरस्कार जीता था. साहित्य में विशिष्ट सेवाओं के लिए 1990 में उन्हें नाइटहुड से सम्मानित किया गया था.</p> <p style="text-align: justify;">लेखक अमिताभ घोष ने उन पर लिखे एक लेख का लिंक शेयर करते हए ट्वीट किया है, "आरआईपी वी एस नायपॉल." इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी नायपॉल को याद किया.</p> <p style="text-align: justify;">ब्रिटिश उपन्यासकार हरि कुंजरू ने विभिन्न ट्वीट कर नायपॉल को याद किया और कुछ संस्मरण साझा किया है. पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया के हिन्दी प्रकाशन की प्रभारी वैशाली माथुर ने कहा "हमारी हिंदी की सूची में नायपॉल की किताबों का गौरवपूर्ण स्थान है."</p>

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