Wednesday 18 July 2018

चुनावी साल में MSP में भारी इजाफे के बाद अब गन्ने की क़ीमत में बढ़ोत्तरी करेगी मोदी सरकार

<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली</strong><strong>: </strong>प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक होनी है. इस बैठक में मोदी सरकार नए गन्ना सीज़न के लिए गन्ने की नई कीमत का ऐलान कर सकती है. बैठक में गन्ने की कीमत 255 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 275 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने पर फैसला हो सकता है. बता दें कि सरकार ने इसी महीने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ाया था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>20 रुपए प्रति क्विंटल का हो सकता है इज़ाफ़ा</strong></p> <p style="text-align: justify;">खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कैबिनेट को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें गन्ने की कीमत में 20 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है. मंत्रालय ने पिछले साल की कीमत 255 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 275 रुपए प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव भेजा है. गन्ने की कीमत को एफआरपी यानि Fair & Remunerative Price कहते हैं और इसे हर साल गन्ने की खेती के सीज़न शुरू होने से पहले घोषित किया जाता है. चीनी मिल इसी कीमत पर किसानों से गन्ना ख़रीदते हैं. इसमें एक शर्त भी है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/2KPhvz9" target="_blank" rel="noopener noreferrer">चुनावी साल में मोदी ने खेला किसान कार्ड, 10 साल में धान के MSP में सबसे बड़ा इजाफा</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>रिकवरी 10% होने पर ही मिलेगा 275 रुपए प्रति क्विंटल</strong></p> <p style="text-align: justify;">खाद्य मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक, किसानों को नई कीमत तभी मिलेगी जब उनके गन्ने की रिकवरी 10% हो. पिछले साल रिकवरी 9.50% रखी गई थी. रिकवरी इससे जितनी कम होगी, कीमत उसी अनुपात में कम होती जाती है. उसी तरह रिकवरी ज़्यादा होने पर उसी मात्रा में कीमत भी बढ़ती जाती है. रिकवरी का साधारण मतलब होता है गन्ने से बनी चीनी की मात्रा. अनुमान के मुताबिक़ 10% रिकवरी तय होने से किसानों को 7-8 रुपए प्रति क्विंटल का ही फायदा होगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>राज्य सरकारें दे सकती हैं बोनस</strong></p> <p style="text-align: justify;">कई बार राज्य सरकारें गन्ने की एफआरपी के अतिरिक्त किसानों को बोनस भी देती हैं. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों की सरकारें गन्ना किसानों को बोनस देती आई हैं. कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने देश के क़रीब 150 गन्ना किसानों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याएं सुनी थी. किसानों की सबसे बड़ी समस्याओं में चीनी मिलीं पर बकाया शामिल था. चीनी मिलों पर किसानों का बकाया लगभग 23000 करोड़ पहुंच गया था.</p> <code><iframe class="vidfyVideo" style="border: 0px;" src="https://ift.tt/2LoBogS" width="631" height="381" scrolling="no"></iframe></code> <strong>यह भी पढ़ें-</strong> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/2L2hfkx" target="_blank" rel="noopener noreferrer">संसद का मानसून सत्र आज से: 46 विधेयकों पर होगी चर्चा, अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में विपक्ष</a></strong></p> <strong><a href="https://ift.tt/2zQ1p7C" target="_blank" rel="noopener noreferrer">LIVE: ग्रेटर नोएडा में बड़ा हादसा: दो बिल्डिंग गिरने से कई की मौत, 30 से 35 लोग मलबे में दबे</a></strong> <strong><a href="https://ift.tt/2Npgpem" target="_blank" rel="noopener noreferrer">कांग्रेस वर्किंग कमिटी से दिग्विजय सिंह समेत कई बुजुर्गों की छुट्टी, युवा नेताओं को मिली जगह</a></strong> <strong><a href="https://ift.tt/2LqncUK" target="_blank" rel="noopener noreferrer">22 साल से झूल रहे महिला आरक्षण बिल समेत संसद में अटके हैं 58 बिल</a></strong>

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