Monday 30 July 2018

असम में 40 लाख भारत के नागरिक नहीं, एनआरसी की दूसरी लिस्ट जारी

<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) का दूसरा ड्राफ्ट जारी हो गया है. असम में 40 लाख लाख लोगों को नागरिकता नहीं मिली है. एनआरसी के मुताबिक कुल 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 668 लोग भारत के नागरिक हैं, असम की कुल जनसंख्या 3 करोड़ 29 लाख है. बता दें कि इन 40 लाख लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने का एक और मौका मिलेगा. एनआरसी की पहली लिस्ट 31 दिसंबर 2017 को जारी हुई थी. पहली लिस्ट में असम की 3.29 करोड़ आबादी में से 1.90 करोड लोगों को शामिल किया गया था.  एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों या परिवारों को शामिल किया गया है जो 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं.</p> <code></code> <blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"> <p dir="ltr" lang="en">Out of 3.29 crore people, 2.89 crore have been found eligible to be included. This is just a draft, and not the final list.The people who are not included can make claims and objections:State NRC Coordinator <a href="https://twitter.com/hashtag/NRCAssam?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#NRCAssam</a></p> — ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1023789293179944960?ref_src=twsrc%5Etfw">July 30, 2018</a></blockquote> <strong>कैसे देख सकते हैं लिस्ट में अपना नाम?</strong> जिसे भी अपना एनआरसी में चेक करना है वो 30 जुलाई से 28 सितंबर तक एनआरसी सेवा केन्द्र जाकर सुबह दस बजे से चार बजे तक देख सकते हैं. इसके साथ ही 24x7 की टोलफ्री नंबर (असम से 15107, असम के बाहर से 18003453762) पर फोन कर भी अपना नाम चेक कर सकते हैं. इसके साथ ही एनआरसी की वेबसाइट पर भी लिस्ट चेक की जा सकती है. <strong>जिनके नाम लिस्ट में नहीं वो क्या करें?</strong> जिन लोगों का नाम पहली लिस्ट में नहीं आया था उनके बीच चिंता जरूर है. अभी ये बात भी साफ नहीं है कि जिनका नाम एनआरसी में नहीं होगा उनका क्या होगा? हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री तक ये भरोसा दिला चुके हैं कि जिनका नाम दूसरी लिस्ट में भी नहीं होगा उन्हें विदेशी नहीं माना जाएगा. ऐसे लोगों को आपत्ति और शिकायत दर्ज कराने के लिए मौका मिलेगा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे एनआरसी मसौदा सूची पर आधारित किसी मामले को विदेश न्यायाधिकरण को नहीं भेजें. एनआरसी से जुड़े एक बड़े अधिकारी ने बताया, ''ड्रॉफ्ट में जिनके नाम उपलब्ध नहीं होंगे उनके पास दावों और शिकायतों रके लिए पर्याप्त गुंजाइश होगी. अगर वास्तविक नागरिकों के नाम दस्तावेज में मौजूद नहीं हों तो वे घबरायें नहीं. ऐसे महिला या पुरुषों को एक फॉर्म को भरना होगा. ये फॉर्म 7 अगस्त से 28 सितंबर के बीच उपलब्ध होंगे. इस फॉर्म के ज़रिए वो संबंधित अधिकारियों से पूछ सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में न होने का क्या कारण है. अधिकारियों को उन्हें इसका कारण बताना होगा कि मसौदा में उनके नाम क्यों छूटे." उन्होंने बताया, ''इसके बाद एक दूसरा फार्म भरकर ज़रूरी दस्तावेजों के साथ भारत की नागरिकता साबित करने के लिए अपना दावा पेश कर सकते हैं. यह फॉर्म 30 अगस्त से 28 सितंबर तक मिलेगा.'' <strong>क्या है एनआरसी का पूरा मामला?</strong> असम में राज्य के नागरिकों की पहचान के लिए 2015 में ये कवायद शुरू हुई. एनआरसी मकसद राज्य में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करना है. असम में बांग्लादेश से लाखों लोगों के अवैध घुसपैठ का दावा किया जाता है. एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन की पहली लिस्ट 31 दिसंबर 2017 को जारी हुई थी. पहली लिस्ट में असम की 3.29 करोड़ आबादी में से 1.90 करोड लोगों को शामिल किया गया था. अब 1.40 करोड़ लोगों को दूसरी लिस्ट में अपने नाम के एलान की उम्मीद है.

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