शिमला जलसंकट: मंत्री कह रहे हैं हालात में सुधार लेकिन जनता अब भी सड़कों पर
<p style="text-align: justify;"><strong>शिमलाः</strong> पहाड़ों की रानी शिमला में पानी का संकट अभी भी बरकरार है. जनता सड़कों पर है लेकिन हिमाचल प्रदेश के सिंचाई मंत्री ने हालात में सुधार की बात कही है. शिमला में जलसंकट की तस्वीरें अभी भी दिख रही हैं. शिमला के पंथा घाटी इलाके के लोगों ने नेशनल हाइवे 22 करीब 5 घण्टे जाम रखा. सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक लोग सड़कों पर जमे रहे जिससे वाहनों की कतार लग गयी. पंथा घाटी के रहने वाले बुशहरी कहते हैं कि ऐसी स्थिति आज़ादी के बाद उत्पन्न हुई है. 10-15 दिन से पानी नहीं मिल पाया.</p> जाम खुलवाने की मशक्कत प्रशासन लगातार कर रहा था जिसे इलाके के लोगों ने सशर्त मान लिया. लोगों ने इलाके के एसडीओ भोपेश बहल से कागज़ पर कल सुबह तक पानी देने की गारंटी ली और सड़क से हट गए. <p style="text-align: justify;">जनता सड़कों पर है लेकिन हिमाचल प्रदेश के सिंचाई मंत्री महेश ठाकुर ने आंकड़े बताकर हालात में सुधार होने में दावा किया. ठाकुर ने कहा कि आज शिमला को 28 मिलियन लीटर पानी दिया गया जबकि एक हफ्ते पहले तक 18 से 19 मिलियन लीटर पानी मिल रहा था.</p> <p style="text-align: justify;">पिछले करीब दो हफ्तों से पहाड़ों की रानी शिमला ज़बरदस्त जलसंकट से गुज़र रहा है. पानी के टैंकर पर लगी लगी लंबी लंबी कतारों ने देशभर का ध्यान अपनी तरफ खींचा. ये छुट्टियों का समय है जब शिमला में हर रोज़ हज़ारों की तादाद में पर्यटक आते हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://ift.tt/2LeqA4p" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong>शिमला: जल संकट के बाद बारिश से मिली थोड़ी राहत, गर्मी की वजह से सूख गए थे ज्यादातर जल स्रोत</strong></a></p>
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