Saturday 23 June 2018

गणित से लेकर कैमेस्ट्री तक, चार वेदों में है हर तरह का नॉलेज

भगवान ने ऋषियों को वेदों के रुप में ब्रह्मज्ञान सुनाया था। इसलिए वेदों को श्रुति भी कहा गया है। इस ब्रह्म ज्ञान में देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, रसायन, औषधि, प्रकृति, खगोल, भूगोल, धार्मिक नियम, इतिहास, रीति-रिवाज आदि लगभग सभी विषयों के बारे में बताया गया है। इस सबसे प्राचीन ज्ञान को 4 भागों में लिपिबद्ध किया यानी लिखा गया है। शतपथ ब्राह्मण के श्लोक के अनुसार अग्निदेव, वायुदेव, आदित्य यानी सूर्य देव और अंगिरा ऋषि ने तपस्या की और ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद को प्राप्त किया। प्रथम तीन वेदों को अग्नि, वायु, सूर्य (आदित्य), से जोड़ा जाता है और संभवत: अथर्वदेव को अंगिरा से उत्पन्न माना जाता है। वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं।

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