Wednesday, 23 May 2018

IN DETAIL: 77 रुपए में बिक रहा है 37 रुपए का पेट्रोल, एक लीटर पर 40 रुपए टैक्स वसूल रही है सरकार

<strong>नई दिल्ली</strong><strong>: </strong>देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने हाहाकार मचा रखा है. कर्नाटक चुनाव खत्म होने के बाद लगातार दसवें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ती ही जा रही है. मुंबई में पेट्रोल 85 रुपए पर पहुंच गया है तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 77 रुपए के पार हो गया है. पटना और भोपाल में कीमतें 82 रुपए पार हैं. बता दें कि एक लीटर पेट्रोल की कीमत सिर्फ 37 रुपए है, लेकिन सरकार एक लीटर पेट्रोल पर 40 रुपए टैक्स वसूल रही है. यानी पेट्रोल की कीमत से ज्यादा जनता टैक्स दे रही है. दरअसल अभी डीलर एक लीटर पेट्रोल 37.65 रुपए में खरीद रहा है. इसपर वह तीन रुपए 63 पैसे कमीशन वसूल रहा है. 19 रुपए 48 पैसे इसपर एक्साइड ड्यूटी लग रही है और 16 रुपए 41 पैसे वैट वसूला जा रहा है. ऐसे में एक लीटर पेट्रोल पर 39 रुपए 52 पैसे टैक्स वसूला जा रहा है. <strong><a href="https://ift.tt/2s46t0V" target="_blank" rel="noopener noreferrer">पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम के बीच पीएम मोदी के घर चल रही है कैबिनेट की बैठक, क्या मिलेगी राहत?</a></strong> <a href="http://static.abplive.in/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/23115030/petrol.jpg"><img class="aligncenter wp-image-867205 " src="https://ift.tt/2GH7PUO" alt="" width="596" height="412" /></a> <strong>किस राज्य में कितना वैट लग रहा है</strong><strong>?</strong> <ul> <li>जम्मू-कश्मीर में पेट्रोल की कीमत 78.88 रुपए लीटर है लेकिन वैट 27.56 फीसदी लग रहा है.</li> <li>हरियाणा में पेट्रोल की कीमत 74.22 रुपए लीटर है लेकिन वैट 26.25 फीसदी लग रहा है.</li> <li>उत्तर प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 77.83 रुपए लीटर है लेकिन वैट 28.33 फीसदी लग रहा है.</li> <li>मध्य प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 82.78 रुपए लीटर है लेकिन वैट 36.41 फीसदी लग रहा है.</li> <li>राजस्थान में पेट्रोल की कीमत 79.93 रुपए लीटर है लेकिन वैट 30.86 फीसदी लग रहा है.</li> <li>महाराष्ट्र में पेट्रोल की कीमत 84.99 रुपए लीटर है लेकिन वैट 40 फीसदी लग रहा है.</li> <li>दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 77.17 रुपए लीटर है लेकिन वैट 27 फीसदी लग रहा है.</li> <li>पटना में पेट्रोल की कीमत 82.80 रुपए लीटर है लेकिन वैट 25 फीसदी लग रहा है.</li> </ul> वहीं, केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में आज तेल की कीमतों को लेकर नए कर ढांचे पर चर्चा हो सकती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हो रही है. बैठक सुबह 10.30 बजे से 7-एलकेएम पर शुरु हो चुकी है. इस बैठक में तेल की बढ़ रही कीमतों पर विचार हो सकता है. बता दें कि पेट्रोल-डीजल भारत के इतिहास में कभी भी दिल्ली में इतना महंगा नहीं बिका. जितना महंगा आज मोदी सरकार के कार्यकाल में बिक रहा है. दिल्ली में मनमोहन सिंह की सरकार में सबसे अधिक महंगा पेट्रोल 14 सितंबर 2013 को बिका था. तब पेट्रोल की कीमत 76 रुपये छह पैसे थी. <a href="http://static.abplive.in/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/23114950/petrol-03.jpg"><img class="aligncenter wp-image-867203 size-full" src="https://ift.tt/2J1QFGt" alt="" width="689" height="502" /></a> वहीं 13 मई साल 2014 को मनमोहन सरकार के कार्यकाल खत्म होने के वक्त दिल्ली में पेट्रोल 71 रुपए 41 पैसे था लेकिन आज मोदी सरकार में दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 77 रुपए 17 पैसे में मिल रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पेट्रोल और डीजल को लेकर सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. आप ने कहा है कि सरकार टैक्स लगाकर 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए पैसे इकट्ठा कर रही है. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि नेपाल-श्रीलंका- भूटान बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में पेट्रोल भारत से सस्ता क्यों हैं? यानी भारत एक मात्र देशे है जहां पेट्रोल डिजल सबसे मंहगा है. पिछले चार सालों में मोदी सरकार ने 9 बार एक्ससाइज ड्यूटी बढाई है और तीन लाख 10 हजार करोड़ से ज्यादा अपने खजाने में भरे हैं. आज सरकार न तो एक्साइज ट्यूटी घटा रही है और न ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश कर रही है. <strong>कर्नाटक चुनाव के बाद कैसे बढती चली गईं पेट्रोल-डीजल की कीमतें</strong><strong>?</strong> <ul> <li>मई 21, 2018 – Rs. 76.57</li> <li>मई 20, 2018 – Rs. 76.24</li> <li>मई 19, 2018 – Rs. 75.91</li> <li>मई 18, 2018 – Rs. 75.61</li> <li>मई 17, 2018 – Rs. 75.32</li> <li>मई 16, 2018 – Rs. 75.10</li> <li>मई15, 2018 – Rs. 74.95</li> <li>मई 14, 2018 – Rs. 74.80</li> </ul> दरअसल, कच्ते तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपए के टूटने की वजह से पेटोल डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं. लेकिन सवाल यह है कि सरकार क्या कर रही है. क्योंकि राज्य सरकारें वैट कम करने को तैयार नहीं हैं और केन्द्र सरकार न तो एक्साइज ड्यूटी घटाना नहीं चाहती है और न ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने पर सहमत है.

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