Thursday 31 May 2018

ड्रैगन के डर ने 'गरुड़' को किया भारत के करीब

<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्लीः</strong> एशियाई मोहल्ले में चीन के बढ़ते रुबाब ने कई बिखरे पड़ोसियों को भी करीब ला दिया है. अब इसे चीनी दखल को लेकर दक्षिण पूर्व एशियाई कुनबे में बढ़ती बेचैनी का असर कहिए या फिर संतुलन साधने की रणनीति, इंडोनेशिया और भारत ने अपने रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के बीच बुधवार को जकार्ता में हुई शिखर वार्ता के बाद दोनों देशों ने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का एलान किया. दोनों नेताओं ने वार्षिक शिखर वार्ता की परंपरा शुरू करने पर भी सहमति जताई.</p> <p style="text-align: justify;">मोदी-विडोडो वार्ता का सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहा दोनों देशों के बीच हुआ नया रक्षा सहयोग समझौता. इसके तहत भारत और इंडोनेशिया ने समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, सैन्य साजो-सामान के साझा विकास व उत्पादन तथा क्षमता विस्तार के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया. इस कड़ी में दोनों नेताओं ने इंडोनेशिया की कंपनी पीटी पिंडाड और आर्मर्ड प्लेट बनाने वाली भारतीय कंपनी भुखनवल इंडस्ट्रीज़ के बीच हुए करार का स्वागत किया. साथ ही पीटी पिंडाड और टाटा मोटर्स के बीच चल रहे सहयोग पर भी संतोष जताया.</p> <p style="text-align: justify;">दोनों देशों की रक्षा सेनाओं के बीच बेहतर टॉमेलव समझ के लिए भारत और इंडोनेशिया जल्द ही संयुक्त नौसैनिक और वायुसेना अभ्यास भी करेंगे. द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत और इंडोनेशिया आतंकवाद, आतंकी वित्तपोषण, तस्करी, अवैध हथियारों और साइबर अपराधों के खिलाफ मिलकर काम करेंगे.</p> <p style="text-align: justify;">इंडोनेशिया और भारत के बीच बढ़ते सामरिक सहयोग को हिन्द-प्रशांत इलाके में चीन के बढ़ते रुबाब से मुकाबले की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. इंडोनेशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर स्थानीय स्तर पर चिंताएं बढ़ी है. ऐसे में दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा मुल्क इंडोनेशिया, भारत के साथ करीबी साझेदारी बढ़ाकर संतुलन बनाने की जुगत में है. वहीं भारत की कोशिश भी हिन्द महासागर के इस करीबी पड़ोसी के साथ संबंधों को मजबूत कर इलाके में अपनी पैठ मजबूत करने की है.</p> <p style="text-align: justify;">द्विपक्षीय शिखर वार्ता के बाद जारी साझा बयान में दोनों देशों ने चीन का नाम लिए बिना समुद्री सीमा निर्धारण के लिए संयुक्त राष्ट्र नियमों को आधार मानने पर ज़ोर दिया. ज़ाहिर तैऊर पर इशारा दक्षिण चीन सागर के विवाद की ओर था जिसमें चीन अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के बावजूद UN नियमों को ठेंगा दिखा रहा है. हिन्द प्रशांत क्षेत्र में समान-विचार-साझेदारी मजबूत करने के लिए भारत-ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया त्रिपक्षीय रणनीतिक वार्ता का आयोजन नवम्बर 2018 में करेंगे.</p> <p style="text-align: justify;">मोदी-विडोडो वार्ता के दौरान रक्षा के अलावा आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर भी बात हुई. दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक सहयोग सामझौते को जल्द पूरा कर लागू करने का सकंल्प जताया. दोनों मुल्कों के बीच इंडोनेशिया के सबांग द्वीप के बंदरगाह को विकसित करने के लिए एक संयुक्त कार्यदल भी बनाया है.</p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://ift.tt/2J1bQFs" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong>इंडोनेशिया: पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को किया संबोधित, कहा- दुनिया में बढ़ा भारत का मान</strong></a></p>

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